आईटी सेक्टर में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। Coforge के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) सुधीर सिंह के अनुसार, कई प्रमुख क्लाइंट्स अपने आईटी कॉन्ट्रैक्ट्स को 30-50% कम रेट पर रिन्यू कर रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता इस्तेमाल, जिसने आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री पर दबाव बढ़ा दिया है। AI इम्पैक्ट
हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि इसी दौरान ट्रांसफॉर्मेशनल प्रोजेक्ट्स पर खर्च में तेजी आ रही है। ET को दिए इंटरव्यू में सिंह ने कहा –
“हर बार जब कोई डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी आती है, तो कुल मिलाकर टेक खर्च हमेशा बढ़ता है। Coforge इसी मौके को कैश करने की तैयारी कर रहा है।”
आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री पर AI का असर
लगभग 283 अरब डॉलर की आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री में कंपनियां “रन बजट” यानी इंफ्रास्ट्रक्चर, मेंटेनेंस और टेस्टिंग जैसे कामों पर खर्च घटा रही हैं। लेकिन सिंह के अनुसार –
“ऐसा कोई एंटरप्राइज नहीं है जो कह रहा हो कि AI आने से वह टेक्नोलॉजी पर खर्च कम करेगा। बल्कि सभी समझ रहे हैं कि AI बदलाव और ट्रांसफॉर्मेशन लाने का बड़ा हथियार है।”
Coforge की बड़ी जीत
AI और ग्लोबल मंदी के बीच जहां भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियां लागत के दबाव में हैं, वहीं Coforge ने इस ट्रेंड को मात दी है।
- मार्च तिमाही में कंपनी ने अमेरिकी फर्म Sabre से 1.5 अरब डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट जीता है।
- जून तिमाही में Coforge ने 5 बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल किए, जिनकी कुल वैल्यू 507 मिलियन डॉलर रही।
दमदार नतीजे
- जून तिमाही में Coforge की आय ₹3,688.6 करोड़ (442.4 मिलियन डॉलर) रही, जो पिछली तिमाही से 8.2% ज्यादा और साल-दर-साल आधार पर 54% ज्यादा है।
- यह ग्रोथ Cigniti अधिग्रहण की वजह से और मजबूत हुई।
- मार्जिन भी 16.9% से बढ़कर 17.5% हुआ।
यह ऐसे समय हुआ जब अधिकांश बड़े आईटी प्लेयर्स की ग्रोथ 5% से भी कम रही और मार्जिन पर दबाव देखने को मिला।
टॉप-10 आईटी कंपनियों में तेजी से उभरता नाम
- FY25 के अंत तक Coforge की कुल आय 1.45 अरब डॉलर रही, जिससे यह भारत की आठवीं सबसे बड़ी आईटी कंपनी बन गई।
- 2020 में जब NIIT Technologies को Coforge के नाम से रीब्रांड किया गया था, उस समय कंपनी की आय सिर्फ 600 मिलियन डॉलर थी।
- सिंह का दावा है कि आने वाले तिमाही में Coforge, Mphasis को पछाड़कर सबसे बड़ी मिड-कैप आईटी कंपनी बन जाएगी।
भविष्य की रणनीति
सुधीर सिंह का अनुमान है कि FY26 में कंपनी का मार्जिन कम से कम 140 बेसिस पॉइंट (1.4%) तक बढ़ेगा। उनका कहना है –
“हम आराम से 18-19% की ग्रोथ हासिल कर सकते हैं और जल्द ही $5 बिलियन तक पहुंचने का लक्ष्य रखते हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि फिलहाल रेवेन्यू और हेडकाउंट ग्रोथ में कोई बड़ा बदलाव नहीं है। यानी कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी जारी रहेगी क्योंकि फिक्स्ड-प्राइस और माइलस्टोन-बेस्ड कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए अब भी बड़ी टीम की ज़रूरत है।
ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट्स पर फोकस
जहां क्लाइंट्स “रन बजट” को कम कर रहे हैं, वहीं वे अब “चेंज बजट” यानी ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट्स पर अधिक खर्च कर रहे हैं।
“आजकल ऐसे प्रोजेक्ट्स RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) के जरिए नहीं आते, क्योंकि कंपनियां अभी सीख ही रही हैं कि AI का इस्तेमाल करके बदलाव कैसे लाया जाए। Coforge की कोशिश है कि हम इन्हीं चेंज प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा ध्यान दें, जहां सीधी RFP कॉम्पिटिशन की ज़रूरत नहीं होती।” – सिंह
Disclaimer
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों और इंटरव्यू पर आधारित है। TaazaDiary इस जानकारी की पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देता। पाठक किसी भी निवेश या व्यवसायिक निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श करें।