Microsoft Azure ने रोका इतिहास का सबसे बड़ा DDoS हमला: पूरी जानकारी

Microsoft Azure ने अक्टूबर में हुए एक बेहद बड़े और खतरनाक DDoS (Distributed Denial-of-Service) हमले को अपने उन्नत DDoS Protection सिस्टम की मदद से रोक दिया। यह हमला खास तौर पर ऑस्ट्रेलिया के एक ग्राहक को निशाना बनाकर किया गया था।

Microsoft के अनुसार, उनका Azure DDoS Protection सिस्टम हमले को ऑटोमेटिक तरीके से पहचान कर तुरंत रोकने में सफल रहा, जिससे ग्राहक की सर्विस पर कोई असर नहीं पड़ा।

यह हमला कितना बड़ा था?

  • पीक ट्रैफिक: 15.72 Terabits per second (Tbps)

  • पैकेट रेट: 3.64 अरब packets per second (pps)

  • यह हमला 500,000 से अधिक IP एड्रेस की मदद से किया गया

  • हमला मुख्य रूप से UDP Flood के जरिए किया गया

ये आंकड़े बताते हैं कि इंटरनेट की तेजी और IoT डिवाइसों की बढ़ती संख्या ने साइबर हमलों का आकार पहले से कई गुना बढ़ा दिया है।

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हमले की जड़: Aisuru Botnet क्या है?

हमले की जांच में पता चला कि यह हमला Aisuru Botnet द्वारा किया गया था।

Aisuru एक Turbo Mirai-class IoT botnet है, जो अक्सर रिकॉर्ड-ब्रेकिंग DDoS हमले करने के लिए जाना जाता है। यह बोटनेट कई तरह के compromised home routers, CCTV cameras, और अन्य IoT डिवाइसों को संक्रमित कर देता है।

इन डिवाइसों को मिलाकर लाखों की संख्या में फर्जी ट्रैफिक किसी भी सर्वर पर भेजा जा सकता है।

DDoS Attack क्या होता है?

सरल भाषा में, DDoS Attack का मतलब है:

  • हैकर्स हजारों–लाखों संक्रमित डिवाइसों का इस्तेमाल करते हैं

  • किसी वेबसाइट या सर्वर पर एक साथ भारी मात्रा में फर्जी ट्रैफिक भेजते हैं

  • इससे असली यूजर्स को सर्विस तक पहुँच नहीं मिलती

  • सिस्टम इतना ओवरलोड हो जाता है कि वह क्रैश हो सकता है

यही वजह है कि DDoS हमले आज भी कंपनियों के लिए सबसे बड़े साइबर खतरे माने जाते हैं।

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Microsoft ने क्या कहा?

Microsoft के सीनियर प्रोडक्ट मार्केटिंग मैनेजर Sean Whalen ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा:

  • Azure DDoS Protection ने इस विशाल मल्टी-वेक्टर हमले को ऑटोमेटिक तरीके से रोका

  • हमला लक्षित endpoint पर पहुँचने से पहले ही फ़िल्टर कर दिया गया

  • Azure की globally distributed protection system की वजह से ग्राहक को कोई डाउनटाइम नहीं हुआ

  • हमलावरों ने UDP Flood ट्रैफिक का इस्तेमाल किया, जिसमें source spoofing कम थी

  • इंटरनेट स्पीड और IoT की बढ़ती क्षमता के साथ DDoS हमले भी और अधिक खतरनाक होते जा रहे हैं

उन्होंने सलाह दी कि त्योहारों के मौसम से पहले कंपनियों को अपनी इंटरनेट-फेसिंग सेवाओं को सुरक्षित करना चाहिए।

क्यों बढ़ रहे हैं DDoS हमले?

  1. IoT डिवाइसों की संख्या बढ़ रही है

  2. इंटरनेट स्पीड (Fiber-to-Home) कई गुना तेज हो चुकी है

  3. कमजोर या पुराने राउटर आसानी से हैक हो जाते हैं

  4. साइबर अपराधी बड़े हमले आसानी से लॉन्च कर सकते हैं

Microsoft Azure का सुरक्षा मॉडल कैसे काम करता है?

Microsoft Azure के DDoS Protection सिस्टम में:

  • Real-time attack detection

  • Automated mitigation

  • Global traffic distribution

  • AI-based threat analysis

इन सभी तकनीकों की वजह से Azure विश्व स्तर पर बड़े से बड़े हमले संभाल सकता है।

निष्कर्ष

Microsoft Azure का यह कदम साबित करता है कि क्लाउड प्लेटफॉर्म पर DDoS सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे इंटरनेट टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर हमले भी और बड़े व तेज होते जा रहे हैं। ऐसे में कंपनियों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होगी।

FAQs

1. दुनिया का सबसे बड़ा DDoS हमला कौन-सा है?

अभी तक का सबसे बड़ा क्लाउड DDoS हमला वही है जिसे Microsoft Azure ने अक्टूबर में रोका, जिसकी स्पीड 15.72 Tbps थी।

2. DDoS हमले को रोकना इतना मुश्किल क्यों होता है?

क्योंकि हजारों–लाखों डिवाइस एक साथ ट्रैफिक भेजते हैं, जिसे सामान्य सर्वर संभाल नहीं पाता।

3. IoT डिवाइस DDoS हमले में कैसे इस्तेमाल होते हैं?

हैकर्स कमजोर या असुरक्षित IoT डिवाइसों को बोटनेट में शामिल कर लेते हैं और उन्हें फर्जी ट्रैफिक भेजने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

Disclaimer:
इस लेख में दी गई सभी जानकारी विश्वसनीय स्रोतों और आधिकारिक रिपोर्ट्स के आधार पर लिखी गई है। हमारा उद्देश्य पाठकों को सटीक, स्पष्ट और नवीनतम अपडेट प्रदान करना है। हालांकि, साइबर सुरक्षा, तकनीकी घटनाएँ और DDoS हमले समय के साथ बदल सकते हैं, इसलिए किसी भी तकनीकी निर्णय या सुरक्षा उपाय अपनाने से पहले आधिकारिक वेबसाइट या विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें। इस लेख में दी गई सामग्री केवल सूचना के लिए है। वेबसाइट किसी भी प्रकार की त्रुटि, डेटा परिवर्तन या तकनीकी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी।