Mehli Mistry exits Tata Group — टाटा ग्रुप के भरोसेमंद सहयोगी और रतन टाटा के करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट्स से अलग होने का फैसला किया है। यह निर्णय उन्होंने उस समय लिया जब हाल ही में उन्हें आजीवन ट्रस्टी पद से हटा दिया गया था।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि वे नहीं चाहते कि उनके कारण Tata Trusts की प्रतिष्ठा को कोई नुकसान पहुंचे। मिस्त्री ने अपने पत्र में लिखा कि “स्थिति को और भड़काना टाटा ट्रस्ट्स की साख को अपूरणीय क्षति पहुंचा सकता है,” इसलिए वे शांतिपूर्वक अलग होना बेहतर समझते हैं।
कौन हैं Mehli Mistry और क्या हुआ उनके साथ?
मेहली मिस्त्री M Pallonji Group के डायरेक्टर हैं, जिनका व्यवसाय शिपिंग, ड्रेजिंग और कार डीलरशिप में फैला हुआ है। वे नोएल टाटा की पत्नी अलू मिस्त्री के पहले कज़िन हैं।
पिछले हफ्ते टाटा ट्रस्ट्स ने उन्हें आजीवन ट्रस्टी पद से हटाने का निर्णय लिया, जिससे उनके तीन साल का कार्यकाल समाप्त हो गया। मिस्त्री ने पहले इस फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र चैरिटी कमिश्नर के पास एक कावेयट (Caveat) दाखिल किया था ताकि उन्हें सुना जा सके, लेकिन अब उन्होंने खुद अलग होने का फैसला किया है।

रतन टाटा के नाम भावनात्मक पत्र
मेहली मिस्त्री ने नोएल टाटा और तीन अन्य ट्रस्ट्स को लिखे पत्र में रतन टाटा का पांच बार ज़िक्र किया। उन्होंने उन्हें “मेरे सबसे प्यारे दोस्त और मेंटर” कहा और लिखा कि वे हमेशा रतन टाटा के आदर्शों पर चलने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने लिखा —
“रतन एन टाटा हमेशा संस्थान को व्यक्ति से बड़ा मानते थे। इसलिए मैं उसी भावना के साथ टाटा ट्रस्ट्स से विदा ले रहा हूं।”
टाटा ट्रस्ट्स में बढ़ते मतभेदों का संकेत
रतन टाटा के निधन के बाद से Tata Trusts के भीतर मतभेद की खबरें सामने आने लगी थीं। सितंबर में यह विवाद उस समय खुलकर सामने आया जब मेहली मिस्त्री के नेतृत्व में गैर-नामांकित निदेशकों (non-nominee directors) ने विजय सिंह को Tata Sons बोर्ड में फिर से नियुक्त करने का विरोध किया।
इस निर्णय से नोएल टाटा और वेनु श्रीनिवासन असहमत थे। जब सहमति नहीं बन पाई, तो आखिरकार विजय सिंह (77) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद ट्रस्ट्स की पुरानी परंपरा — यानी “सर्वसम्मति से निर्णय” — टूटी। इसके परिणामस्वरूप नोएल टाटा और अन्य ट्रस्टीज़ ने मेहली मिस्त्री की आजीवन ट्रस्टी के रूप में पुनर्नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी।
कौन-कौन से ट्रस्ट्स से अलग हुए Mehli Mistry
मेहली मिस्त्री का ट्रस्टीशिप अब Sir Dorabji Tata Trust (SDTT), Sir Ratan Tata Trust (SRTT) और Bai Hirabai JN Tata Navsari Charitable Institution Trust में समाप्त हो गया है।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वे Tata Education and Development Trust (TEDT) और National Centre for the Performing Arts (NCPA) से जुड़े रहेंगे या नहीं।
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TEDT में वे आजीवन ट्रस्टी हैं।
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NCPA में वे SRTT के प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं।
Tata Trusts की भूमिका और महत्व
टाटा ग्रुप का नियंत्रण मुख्य रूप से Sir Dorabji Tata Trust और Sir Ratan Tata Trust के पास है, जो मिलकर Tata Sons में लगभग 52% हिस्सेदारी रखते हैं।
वहीं, Tata Education and Development Trust (TEDT) सबसे अधिक धनराशि वाला ट्रस्ट है, जिसकी कोरपस वैल्यू करीब ₹5,000 करोड़ बताई जाती है। ये ट्रस्ट्स न सिर्फ टाटा ग्रुप की दिशा तय करते हैं, बल्कि भारत में कई सामाजिक और शैक्षणिक प्रोजेक्ट्स को फंड करते हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है Mehli Mistry का फैसला
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साख बचाने की कोशिश: मिस्त्री का शांतिपूर्ण प्रस्थान दिखाता है कि वे रतन टाटा की तरह संस्थान की प्रतिष्ठा को सर्वोपरि मानते हैं।
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नोएल टाटा का प्रभाव बढ़ा: उनके हटने से अब नोएल टाटा का ट्रस्ट्स पर प्रभाव और मजबूत हुआ है।
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टाटा ट्रस्ट्स की स्थिरता: इस कदम से आंतरिक विवाद फिलहाल थमता दिख रहा है।
मुख्य बिंदु (Key Highlights)
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| फोकस कीवर्ड | Mehli Mistry exits Tata Group |
| पद | आजीवन ट्रस्टी, Tata Trusts |
| कारण | ट्रस्ट्स की साख बचाने और विवाद टालने की इच्छा |
| पत्र में उल्लेख | रतन टाटा का 5 बार ज़िक्र |
| प्रमुख ट्रस्ट्स | SDTT, SRTT, TEDT, NCPA |
| मुख्य प्रभाव | नोएल टाटा की स्थिति और मजबूत हुई |
| कुल हिस्सेदारी | टाटा ट्रस्ट्स के पास Tata Sons में ~52% शेयर |
| धनराशि | TEDT की कोरपस वैल्यू ₹5,000 करोड़ |
FAQs
Q1. Mehli Mistry कौन हैं?
मेहली मिस्त्री टाटा ग्रुप से लंबे समय से जुड़े रहे हैं और रतन टाटा के करीबी मित्र रहे हैं। वे M Pallonji Group में डायरेक्टर हैं।
Q2. उन्होंने Tata Trusts क्यों छोड़ा?
उन्होंने कहा कि वे ट्रस्ट्स की साख को बचाने के लिए खुद को अलग कर रहे हैं, ताकि कोई विवाद और न बढ़े।
Q3. क्या वे आगे भी किसी ट्रस्ट से जुड़े रहेंगे?
संभावना है कि वे Tata Education and Development Trust या NCPA में अपनी भूमिका जारी रख सकते हैं, लेकिन इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है।
Disclaimer:

अजय कुमार एक अनुभवी ब्लॉगर, कंटेंट क्रिएटर और डिजिटल उद्यमी हैं।
वह TaazaDiary.com के संस्थापक और CEO हैं — जो खेल, शिक्षा, मनोरंजन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और अन्य क्षेत्रों की ताज़ा व भरोसेमंद खबरें सरल हिंदी में प्रस्तुत करता है।
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