Indian IT shares fall खबर ने सोमवार को पूरे शेयर बाजार में हलचल मचा दी। अमेरिका ने अचानक H-1B Visa Application Fee को 100,000 डॉलर तक बढ़ा दिया है। यह कदम सीधे तौर पर भारत की $283 Billion IT Services Industry को प्रभावित कर सकता है।
भारतीय IT कंपनियों के शेयरों में गिरावट
सोमवार को Nifty IT Index करीब 2.7% गिर गया।
-
Tata Consultancy Services (TCS),
-
Infosys,
-
Wipro,
-
HCLTech
सभी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में लगभग इतना ही नुकसान देखने को मिला।
शेयर गिरावट का आंकड़ा
| कंपनी | शेयर पर असर (प्रतिशत) |
|---|---|
| TCS | -2.6% |
| Infosys | -2.8% |
| Wipro | -2.7% |
| HCLTech | -2.5% |
क्या है H-1B वीज़ा और भारत की भूमिका?
-
H-1B Visa अमेरिकी कंपनियों को विदेशी Skilled Professionals को हायर करने की अनुमति देता है।
-
भारतीय नागरिक इस वीज़ा का सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक 70% से ज्यादा H-1B वीज़ा भारतीयों के पास है।
-
इस वीज़ा के सहारे भारतीय IT कंपनियां अपने कर्मचारियों को अमेरिका भेजकर Onsite Projects पूरे करती हैं।
नई पॉलिसी से क्यों बढ़ी चिंता?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को आदेश दिया कि अब से Skilled Worker Visa Application की फीस $100,000 होगी।
HDFC Securities के हेड ऑफ रिसर्च देवर्ष वाकिल ने कहा:
“इस अचानक बढ़ोतरी से IT कंपनियों और Professionals में घबराहट है। नए प्रोजेक्ट्स के लिए ऑनसाइट डिप्लॉयमेंट की लागत बहुत बढ़ जाएगी।”
इससे भारतीय IT कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन घट सकता है और नए क्लाइंट प्रोजेक्ट्स महंगे पड़ सकते हैं।
भारतीय प्रोफेशनल्स पर असर
खबर आते ही कई भारतीय Professionals ने:
-
US वापस लौटने की जल्दी की
-
हॉलिडे प्लान कैंसिल कर दिए
हालांकि, व्हाइट हाउस ने बाद में सफाई दी कि यह नियम सिर्फ नई Applications (अगले साल फरवरी से होने वाली लॉटरी) पर लागू होगा। मौजूदा H-1B वीज़ा धारकों पर इसका असर नहीं होगा।
ट्रंप के समर्थन और विरोध
-
विरोधी पक्ष (Trump & Critics):
उनका कहना है कि H-1B वीज़ा के ज़रिए कंपनियां सस्ते भारतीय इंजीनियर्स को हायर कर अमेरिकी नौकरियों को प्रभावित करती हैं। -
समर्थन करने वाले (Elon Musk जैसे नेता):
उनका मानना है कि H-1B वीज़ा ने US को टेक्नोलॉजी में लीडर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
बड़ी कंपनियों पर असर
-
TCS – H-1B Sponsorship में दूसरा सबसे बड़ा नाम है।
-
Amazon, Microsoft, Apple जैसी अमेरिकी कंपनियों के भी हजारों कर्मचारी इस वीज़ा पर काम करते हैं।
यानी यह सिर्फ भारतीय IT पर नहीं, बल्कि US Tech Companies पर भी असर डाल सकता है।
Nasscom और इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
Nasscom (भारतीय IT इंडस्ट्री की संस्था) ने कहा:
“यह फैसला Onshore Projects की Continuity बिगाड़ देगा। कंपनियों को अब Adjustments करने होंगे।”
हालांकि Nasscom ने यह भी बताया कि कंपनियां पिछले कुछ सालों से Local Hiring पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं, ताकि Visa Dependence कम हो सके।
विश्लेषकों की राय
Motilal Oswal Financial Services का कहना है:
-
करीब 20% IT वर्कफोर्स US में है।
-
इनमें से 20-30% लोग H-1B पर हैं।
-
यानी किसी भी बड़ी IT कंपनी का लगभग 3-5% स्टाफ प्रभावित हो सकता है।
वे मानते हैं कि यह आदेश US कोर्ट में चुनौती झेल सकता है और मौजूदा रूप में लंबे समय तक लागू नहीं रहेगा।
🇮🇳 भारत सरकार की चिंता
भारत के विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी:
“यह बदलाव मानवीय संकट ला सकता है। कई Families की ज़िंदगी प्रभावित होगी।”
Indian IT Industry की ताकत
भारत की IT इंडस्ट्री:
-
सालाना Revenue: $283 Billion
-
Export में बड़ा हिस्सा: US मार्केट
-
Jobs: लाखों Skilled Employees
इसलिए Visa Rules में बदलाव का असर सिर्फ स्टॉक मार्केट पर नहीं, बल्कि पूरी इकॉनमी पर भी पड़ सकता है।
निष्कर्ष
Indian IT shares fall की यह खबर बताती है कि कैसे अमेरिका की H-1B Visa Policy भारत की IT Economy को गहराई से प्रभावित करती है। अभी यह बदलाव नई Applications तक सीमित है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक लागू रहा तो TCS, Infosys, Wipro जैसी कंपनियों की Growth पर असर पड़ सकता है।
FAQs
Q1. Indian IT shares fall क्यों हुए?
👉 क्योंकि अमेरिका ने H-1B Visa Application Fee अचानक बढ़ाकर $100,000 कर दी, जिससे भारतीय IT कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी।
Q2. H-1B Visa में भारत का क्या रोल है?
👉 70% से ज्यादा H-1B Visa भारतीय नागरिकों को मिलता है, जिससे वे US में IT Projects पर काम कर पाते हैं।
Q3. क्या यह बदलाव तुरंत लागू होगा?
👉 नहीं, व्हाइट हाउस ने कहा है कि यह सिर्फ नई Applications (अगले साल फरवरी से) पर लागू होगा। मौजूदा H-1B धारकों पर असर नहीं होगा।
Disclaimer
यह लेख सार्वजनिक स्रोतों और मार्केट रिपोर्ट्स पर आधारित है। निवेश करने से पहले अपने Financial Advisor से सलाह लें।

