Income Tax Budget 2026 ICAI proposals: शादीशुदा कपल्स के लिए जॉइंट फाइलिंग, F&O ट्रेडिंग में बदलाव और आसान टैक्स रिटर्न की सिफारिशें

Institute of Chartered Accountants of India (ICAI) ने Income Tax Budget 2026 के लिए अपने अहम सुझाव सरकार को भेजे हैं। इन प्रस्तावों का उद्देश्य टैक्स नियमों को सरल बनाना, विवादों को घटाना और पारदर्शी कर प्रणाली को बढ़ावा देना है।

ICAI के इन Income Tax Budget 2026 ICAI proposals में कई बदलाव सुझाए गए हैं, जिनसे आम करदाताओं, छोटे व्यवसायों और निवेशकों को राहत मिल सकती है।

मुख्य प्रस्ताव: टैक्स प्रणाली में सुधार और सरलीकरण की दिशा में कदम

1. F&O ट्रेडिंग को प्रिजम्पटिव टैक्सेशन से बाहर रखने की मांग

ICAI ने सुझाव दिया है कि Futures and Options (F&O) ट्रेडिंग और स्पेकुलेशन बिजनेस को प्रिजम्पटिव टैक्सेशन (Presumptive Taxation) की सीमा से बाहर रखा जाए।
इससे उन ट्रेडर्स को राहत मिलेगी जो बाजार की अस्थिरता के कारण असली लाभ या हानि दिखाने में मुश्किल महसूस करते हैं।

2. शादीशुदा कपल्स के लिए ‘जॉइंट टैक्सेशन’ का विकल्प

ICAI ने प्रस्ताव रखा है कि Married Couples (पति-पत्नी) को Joint Income Tax Filing का विकल्प दिया जाए।
इससे परिवार की कुल आय को एक साथ गणना कर टैक्स लाभ तय किया जा सकेगा।
यह कदम अमेरिका और यूरोप के कई देशों की तरह ‘Family-based Taxation’ की दिशा में एक बड़ा बदलाव हो सकता है।

3. कृषि भूमि मालिकों के लिए अनिवार्य ITR फाइलिंग

ICAI ने सिफारिश की है कि जिन व्यक्तियों के पास एक निश्चित सीमा से अधिक कृषि भूमि है, उन्हें Income Tax Return (ITR) दाखिल करना अनिवार्य किया जाए।
इससे टैक्स बेस बढ़ेगा और आय स्रोतों की पारदर्शिता में सुधार होगा।

4. प्रॉफिट-लिंक्ड डिडक्शन के लिए ऑडिट जरूरी

ICAI ने यह भी सुझाव दिया है कि Profit-linked deductions लेने वाले सभी मामलों में Mandatory Audit होना चाहिए।
इससे टैक्स चोरी की संभावना घटेगी और डिडक्शन का सही मूल्यांकन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

5. ई-लेजर सिस्टम की शुरुआत का प्रस्ताव

संस्थान ने एक वर्ष-वार ई-लेजर सिस्टम (Year-wise e-Ledger) शुरू करने की मांग की है।
यह सिस्टम TDS, TCS, और Advance Tax Payments को एक ही जगह ट्रैक करने की सुविधा देगा।
इससे करदाताओं के लिए रिटर्न भरने की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी।

6. सरचार्ज रेट्स पर स्पष्टता की मांग

ICAI ने सरकार से अनुरोध किया है कि Maximum Marginal Rate (MMR) की गणना में लगने वाले Surcharge Rates को स्पष्ट किया जाए।
यह खासतौर पर उच्च आय वर्ग के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि टैक्स गणना में कोई भ्रम न रहे।

7. दंड और प्रॉसिक्यूशन को लेकर सुधार

संस्थान ने सुझाव दिया है कि Tax Law Violations के कुछ मामलों में Decriminalisation की जाए।
इसके अलावा, एक ही गलती पर दोहरा दंड (Double Penalty) लगाने की प्रणाली को खत्म करने की सिफारिश की गई है।
यह कदम टैक्सदाताओं के लिए राहतदायक साबित हो सकता है।

8. रिटर्न प्रोसेसिंग को और सरल बनाने का प्रस्ताव

ICAI का मानना है कि Income Tax Returns की प्रोसेसिंग को केवल Arithmetic Errors और Prima Facie Mistakes तक सीमित रखा जाए।
इससे ITR Processing Time घटेगा और अनावश्यक विवादों से बचा जा सकेगा।

9. गैर-निवासी भुगतान पर TAN की अनिवार्यता खत्म करने की मांग

ICAI ने प्रस्ताव रखा है कि Non-resident Transferors को भुगतान करने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं को TAN (Tax Deduction and Collection Account Number) लेने से छूट दी जाए।
इससे छोटे व्यापारियों और व्यक्तिगत करदाताओं को अनुपालन में राहत मिलेगी।

10. स्क्रैप बिक्री पर TCS हटाने की सिफारिश

TCS (Tax Collected at Source) को स्क्रैप बिक्री (Scrap Sale) से हटाने का सुझाव दिया गया है।
ICAI का कहना है कि इससे रीसायक्लिंग सेक्टर में छोटे व्यवसायों और व्यक्तियों की कंप्लायंस बर्डन कम होगा।

11. ग्रीन प्रोजेक्ट्स पर टैक्स इंसेंटिव्स

संस्थान ने ग्रीन और सस्टेनेबल प्रोजेक्ट्स में निवेश करने वालों को टैक्स में अतिरिक्त छूट (Incentives) देने की सिफारिश की है।
यह भारत की ग्रीन इकोनॉमी और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्य को मजबूत करेगा।

12. कर विवादों को घटाने की दिशा में प्रयास 

ICAI का कहना है कि करदाताओं और विभाग के बीच के Litigation Cases को घटाने के लिए Alternative Dispute Resolution Mechanism को और मजबूत किया जाना चाहिए।
इससे टैक्स प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनेगी।

ICAI अध्यक्ष का बयान

ICAI President चरनजीत सिंह नंदा ने कहा,

“हमारे प्री-बजट सुझावों का उद्देश्य ऐसा टैक्स इकोसिस्टम तैयार करना है जो Ease of Doing Business, सस्टेनेबल ग्रोथ और ग्रीन इकोनॉमी को बढ़ावा दे।”

Union Budget 2026 कब पेश होगा?

आमतौर पर Union Budget हर साल 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाता है।
इस साल का Union Budget 2026 भी इसी दिन आने की उम्मीद है, जिसमें ICAI के कई सुझावों पर विचार हो सकता है।

Key Highlights (सारांश तालिका)

क्रमांक प्रस्ताव उद्देश्य
1 F&O ट्रेडिंग को प्रिजम्पटिव टैक्सेशन से बाहर करना सटीक लाभ गणना और पारदर्शिता
2 शादीशुदा जोड़ों के लिए संयुक्त रिटर्न टैक्स में समानता और सुविधा
3 कृषि भूमि मालिकों की अनिवार्य ITR फाइलिंग टैक्स बेस बढ़ाना
4 प्रॉफिट-लिंक्ड डिडक्शन पर ऑडिट जरूरी गलत दावों पर रोक
5 ई-लेजर सिस्टम पारदर्शी टैक्स ट्रैकिंग
6 सरचार्ज रेट्स पर स्पष्टता भ्रम कम करना
7 दंड में सुधार और डिक्रिमिनलाइजेशन करदाताओं के प्रति न्यायसंगत दृष्टिकोण
8 रिटर्न प्रोसेसिंग सरल बनाना विवाद और देरी में कमी
9 TAN छूट छोटे व्यापारियों को राहत
10 स्क्रैप सेल पर TCS हटाना रीसायक्लिंग सेक्टर में राहत
11 ग्रीन इनिशिएटिव्स पर टैक्स इंसेंटिव पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा

FAQs

Q1. ICAI के सुझावों का उद्देश्य क्या है?
इनका उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल, पारदर्शी और न्यायपूर्ण बनाना है ताकि आम करदाता को राहत मिले।

Q2. क्या जॉइंट टैक्स फाइलिंग भारत में नया कॉन्सेप्ट है?
हां, यह एक नया विचार है जो कई विकसित देशों में पहले से लागू है। ICAI चाहता है कि भारत में भी इसे अपनाया जाए।

Q3. क्या ये प्रस्ताव Union Budget 2026 में शामिल होंगे?
अभी यह तय नहीं है। सरकार बजट तैयार करते समय ICAI और अन्य संगठनों के सुझावों पर विचार करती है।

Disclaimer:

यह लेख ICAI की प्री-बजट मेमोरेंडम रिपोर्ट 2026–27 पर आधारित है।
सरकार द्वारा इन प्रस्तावों को स्वीकार या लागू करने पर अंतिम निर्णय Union Budget 2026 के समय लिया जाएगा।

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